IPL मेे अब नहीं खेलने वाली 5 टीमों की कहानी – Story of 5 former IPL teams
हम सभी जानते हैं कि 2022 से पहले आईपीएल में 8 टीमें थीं। IPL जब शुरुआत हुई तो भी 8 टीमे ही थीं, लेकिन 2011 में IPL में 10 टीमें खेली थीं। आईपीएल में वर्तमान में 10 टीमों के अलावा भी कुछ टीमें (Story of 5 former IPL teams) ऐसी हैं, जो पहले इस जानी मानी लीग का हिस्सा थीं और आईपीएल से अलग अलग कारणों से अलग हुईं।
आज हम बात करेंगे आईपीएल इन्हीं टीमों के बारे में जो अब दुनिया की सबसे बड़ी टी-ट्वेंटी क्रिकेट लीग आईपीएल का हिस्सा नहीं हैं। टी-ट्वेंटी क्रिकेट के इस बड़ी लीग में कुछ फ्रेंचाइजी ऐसी भी रहीं जिन्होंने कम समय में बड़ा इतिहास रचा, लेकिन फिर भी वे आज टूर्नामेंट से गायब हैं।
आज हम ऐसी ही 5 टीमों की रोचक कहानी को जानेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं…
डेक्कन चार्जर्स (Deccan Chargers)
सबसे पहले बात करते हैं डेक्कन चार्जर्स की, जो आईपीएल के पहले सीजन से ही आईपीएल का हिस्सा थी। डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग्स लिमिटेड ने हैदराबाद बेस्ड इस फ्रेंचाइजी को 1000 करोड़ रुपए में खरीदा था।
वीवीएस लक्ष्मण, एडम गिलक्रिस्ट और कुमार संगकारा जैसे दिग्गजों की कप्तानी में इस टीम ने कुल 5 सीजन खेले। इस टीम में डेल स्टेन, रोहित शर्मा, एंड्रयू सायमंड्स, हर्शल गिब्स और शाहिद अफरीदी जैसे स्टार खिलाड़ी भी शामिल थे।
डेक्कन चार्जर्स की टीम आईपीएल के दूसरे सीजन में ही चैंपियन बन गई थी। यही इस टीम की एकमात्र यादगार परफारमेंस थी। आईपीएल के दूसरा सीजन का टूर्नामेंट भारत में लोकसभा चुनावों के कारण दक्षिण अफ्रीका में खेला गया था।
गिलक्रिस्ट की कप्तानी में टीम ने सेमीफाइनल में दिल्ली डेयरडेविल्स को हराया जो आज दिल्ली कैपिटल्स के नाम से जानी जाती है। फाइनल में डेक्कन चार्जर्स का सामना आरसीबी से हुआ। फाइनल में डेक्कन चार्जर्स ने आरसीबी को हराकर आईपीएल के दूसरे सीजन की ट्राफी अपने नाम की।
अगले सीजन यानि 2010 में भी डेक्कन चार्जर्स की टीम सेमीफाइनल तक पहुंची, लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स से हारकर बाहर हो गई। इन दो सीजन को छोड़कर ये टीम हर बार पॉइंट्स टेबल में 7वें या 8वें नंबर पर ही रही। ये टीम 2008 से 2012 तक कुल 5 सीजन खेली।
2012 में चीजें बिगड़ने लगीं थीं। इस फ्रेंचाइजी टीम की ऑनर कंपनी कर्ज में डूब गई थी और अपने खिलाड़ियों को सैलरी तक नहीं दे पा रही थी। BCCI ने कई वार्निंग दीं, लेकिन स्थिति नहीं सुधरी। फ्रेंचाइजी ने टीम बेचने की कोशिश की, लेकिन 12 अक्टूबर 2012 को BCCI ने आखिरकार डेक्कन चार्जर्स को आईपीएल से बाहर कर दिया।
इसके बाद सन टीवी नेटवर्क ने 425 करोड़ रुपए में हैदराबाद फ्रेंचाइजी खरीदी और “सनराइजर्स हैदराबाद” नाम से टीम को नये अवतार में उतारा। मजेदार बात यह है कि डेक्कन चार्जर्स के कई खिलाड़ी ही 2013 में सनराइजर्स हैदराबाद में खेलते नजर आए।
कोच्चि टस्कर्स केरला (Kochi Tuskers Kerala)
2011 के सीजन में आईपीएल में 8 टीमें खेलती थीं, जो 2008 से ही इस लीग का हिस्सा थीं। 2011 में इन टीमों की संख्या 8 से बढ़ाकर 10 की गई, और इसी दौरान कोच्चि टस्कर्स केरला नाम की नई टीम शामिल की गई। ये टीम भारत के साउथ जोन के एक राज्य केरला को रीप्रेजेंट करती थी। रोंदेवू स्पोर्ट्स वर्ल्ड कंपनी ने इस फ्रेंचाइजी को 1555 करोड़ रुपए में खरीदा था।
श्रीलंका के महेला जयवर्धने की कप्तानी में इस टीम ने केवल एक ही सीजन खेला। टीम में ब्रेंडन मैक्कुलम, रवींद्र जडेजा, मुथैया मुरलीधरन और एस श्रीसंथ जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे, लेकिन 14 में से सिर्फ 6 मैच जीतकर वे प्लेऑफ में नहीं पहुंच सके।
हालांकि, कोच्चि टस्कर्स केरला ही वह टीम थी, जिसके खिलाफ सचिन तेंदुलकर अपने टी-ट्वेंटी करियर की इकलौती सेंचुरी लगाई थी। 15 अप्रैल 2011 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में सचिन ने अपनी इस बेहतरीन पारी से मुंबई इंडियंस के लिए 182 रन बनाए। लेकिन मजेदार बात यह थी कि इसके बावजूद कोच्चि टस्कर्स ने मैच जीत लिया! ब्रैंडम मैक्कुलम ने शानदार 81 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई।
अगले सीजन में टीम को खेलने का मौका नहीं मिला, क्योंकि फ्रेंचाइजी के मालिक BCCI की 156 करोड़ की बैंक गारंटी को रिन्यू नहीं करा सके। करीब 6 महीने इंतजार करने के बाद, BCCI ने 19 सितंबर 2011 को अपनी वार्षिक बैठक में टीम को टर्मिनेट कर दिया।
टीम के मालिक बीसीसीआई के खिलाफ कोर्ट में चले गए। 2015 में कोच्चि टस्कर्स केरला के फेवर में कोर्ट का फैसला आया और बीसीसीआई को फ्रेंचाइजी को 500 करोड़ का हर्जाना देना पड़ा। हालाँकि फ्रेंचाइजी मालिकों ने लीग में वापसी की कोशिश कीं, लेकिन बीसीसीआई ने इस फ्रेंचाइजी को दुबारा आईपीएल में एंट्री नहीं दी। इस फ्रेंचाइजी टीम ने अपने एकमात्र एक सीजन में कुल 14 मैच खेले जिसमें उसे 6 जीत और 8 हार मिलीं।
इस तरह से, एक शानदार शुरुआत के बावजूद कोच्चि टस्कर्स केरला का सफर केवल एक सीजन में ही खत्म हो गया।
पुणे वारियर्स इंडिया (Pune Warriors India)
2011 में ही कोच्चि टस्कर्स केरला के साथ एक और नई फ्रेंजाइजी टीम जुड़ी, ये नई फ्रेंचाइजी थी, पुणे वारियर्स इंडिया। सहारा इंडिया ग्रुप ने 2010 में पुणे बेस्ड फ्रेंचाइजी को लगभग 1700 करोड़ रुपए में खरीदा और इस प्रकार पुणे वॉरियर्स इंडिया का जन्म हुआ। यह 2011 में आईपीएल से जुड़ने वाली 10वीं टीम थी।
युवराज सिंह, सौरव गांगुली और ऐरन फिंच ने अलग-अलग अलग सीजन में इस टीम की कप्तानी की। टीम में रॉबिन उथप्पा, मनीष पांडे, स्टीव स्मिथ और भुवनेश्वर कुमार जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी शामिल थे। ये टीम 2011, 2012 और 2013 तक तीन सीजन खेली। इन तीन सीजन में ये फ्रेंचाइजी टीम बहुत कम मैच ही जीत पाई और हर बार पॉइंट्स टेबल में 8वें या 9वें स्थान पर ही रही।
2013 के सीजन में पुणे वॉरियर्स इंडिया ने एक ऐसा रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कराया जो लगभग दस साल बाद 2024 में टूटा। 23 अप्रैल 2013 को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में पुणे वॉरियर्स इंडिया और आरसीबी के बीच हुए मैच में आरसीबी की तरफ से खेलते हुए क्रिस गेल ने केवल 30 गेंदों में सेंचुरी लगा दी और कुल 66 गेंदों में 13 चौके और 17 छक्के लगाते हुए 175 रन की तूफानी पारी खेली।
आरसीबी द्वारा बनाया गया 263 रनों का स्कोर आईपीएल के क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर था, जो आगे 10 सालों तक आईपीएल का हाईएस्ट स्कोर भी रहा, ये रिकार्ड तब टूटा जब 2024 के सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद ने आरसीबी के खिलाफ ही 287 रनों का विशाल स्कोर बनाया।
2013 में पुणे फ्रेंचाइजी के मालिक सुब्रत रॉय लगभग 170 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी को रिन्यू नहीं करा सके। BCCI ने कुछ समय इंतजार किया और फिर पिछली गारंटी के पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद सुब्रत रॉय ने IPL से अपनी टीम का नाम वापस ले लिया और 26 अक्टूबर को 2013 BCCI ने भी पुणे वॉरियर्स को टर्मिनेट कर दिया।
2016 में IPL में मैच फिक्सिंग स्कैंडल
2016 में मैच फिक्सिंग स्कैंडल हुआ। इस विवाद में आईपीएल की दो टीमें चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स का नाम आ चुका था। इस कारण बीसीसीआई ने इन दोनो टीमों चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को दो साल के लिए आईपीएल से सस्पैंड कर दिया। अब आईपीएल में 6 टीमें ही बचीं थीं तो आठ टीमों का कोटा पूरा करने के लिए बीसीसीआई ने केवल दो साल के लिए दो नई टीमों को आईपीएल में शामिल किया। इन दो टीमों के नाम गुजरात लायन्स और राइजिंग पुणे सुपजायंट्स थे।
गुजरात लायन्स (Gujarat Lions)
इंटेस्ट टेक्नोलॉजी के मालिक केशव बंसल ने राजकोट बेस्ड गुजरात लायन्स फ्रेंचाइजी को खरीदा था। सुरेश रैना की कप्तानी में, टीम ने दो सीजन खेले। रवींद्र जडेजा, ड्वेन स्मिथ, ब्रेंडन मैक्कुलम और ड्वेन ब्रावो जैसे दिग्गज इस टीम का हिस्सा थे। नए उभरते सितारे ईशान किशन के अलावा दिनेश कार्तिक जैसे स्टार प्लेयर भी इस टीम में शामिल थे।
गुजरात लायंस ने अपने पहले ही सीजन में कमाल कर दिखाया और पॉइंट्स टेबल में टॉप किया। टीम ने 9 मैच जीते, लेकिन प्लेऑफ के दोनों मुकाबले हार गई। क्वालिफायर वन में RCB और क्वालिफायर टू में SRH ने उन्हें हराया।
अगले सीजन में टीम केवल 4 मैच ही जीत सकी और 7वें स्थान पर रही। 2018 में चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स की वापसी के साथ ही गुजरात लायंस का सफर भी खत्म हो गया।
राइजिंग पुणे सुपरजाययंट्स (Rising Pune Supergiant)
2016 में चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स पर लगे दो साल के बैन के कारण गुजरात लायन्स के साथ और एक और टीम को दो साल के लिए आईपीएल में शामिल किया गया। RPSG ग्रुप के मालिक संजीव गोयनका ने पुणे बेस्ड फ्रेंचाइजी को खरीदा और इसका नाम “राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स” नाम रखा।
2016 में पहले सीजन में टीम एमएस धोनी की कप्तानी में उतरी। अजिंक्य रहाणे, फाफ डु प्लेसिस, बेन स्टोक्स, स्टीव स्मिथ और रवि अश्विन जैसे स्टार खिलाड़ी इस टीम का हिस्सा थे। हालांकि, पहले सीजन में टीम 14 मैचों में से केवल 5 ही जीत सकी और 7वें स्थान पर रही।
2017 में दूसरे सीजन में स्टीव स्मिथ को कप्तान बनाया गया और वह टीम को फाइनल तक ले गए। क्वालिफायर वन में मुंबई इंडियंस को 20 रन से हराकर टीम ने फाइनल में जगह बनाई।
फाइनल में भी उन्हें मुंबई इंडियंस से ही भिड़ना था। पुणे ने MI को 129 रन पर रोक दिया। मैच के आखिरी ओवर में पुणे को जीत के लिए महज 11 रन चाहिए थे और आखिरी गेंद पर 4 रन की जरूरत थी, और डैनियल क्रिश्चियन तीसरे रन की कोशिश में रनआउट हो गए। इस तरह राइजिंग पुणे सुपर जायंट्स केवल एक रन से चैंपियन बनने का मौका गंवा बैठी।
गुजरात लायन्स और राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स को चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स की जगह केवल दो साल के लिए आईपीएल में शामिल किया था, इसलिए 2018 में इन दोनों टीमों के वापस आने पर गुजरात लायन्स और राइजिंग पुणे सुपर जायंट्स दोनों टीमों का सफर खत्म हो गया।
बाद में 2022 में गुजरात बेस्ट फ्रेंचाइजी ने गुजरात टाइटंस के रूप में आईपीएल को ज्वाइन किया तो संजीव गोयनका ने लखनऊ बेस्ड फ्रेंचाइजी लखनऊ सुपरजायंट्स के रुप में आईपीएल को फिर से ज्वाइन किया है।
ये थी आईपीएल से गायब हो चुकी उन 5 फ्रेंचाइजी टीमों की कहानी जिन्होंने थोड़े समय में भी अपनी छाप तो छोड़ी, आईपीएल में ज्यादा समय तक टिक नहीं पाईं। इनमें से तीन टीमें डेक्कन चार्जर्स, कोच्चि टस्कर्स केरला और पुणे वॉरियर्स इंडिया बीसीसीआई के साथ फाइनेंशियल विवादों के कारण आईपीएल से बाहर हो गईं तो दो टीमें गुजरात लायन्स और राइजिंग पुणे सुपर जायंट्स केवल दो साल के लिए ही आईपीएल में शामिल हुई थीं।
आईपीएल का सफर आगे भी जारी है, और हर साल नए रिकॉर्ड बनते हैं, नई कहानियां लिखी जाती हैं। आगे भी शायद आईपीएल में कुछ नई टीमें शामिल हों।
उन 5 टीमों की कहानी, जो अब IPL में नहीं खेलती (वीडियो)
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