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तुर्कमेनिस्तान का जलता हुआ रहस्यमयी गड्ढा – Gates of Hell of Turkmenistan

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तुर्कमेनिस्तान का जलता हुआ रहस्यमयी गड्ढा – Gates of Hell of Turkmenistan

Gates of Hell Turkmenistan

तुर्कमेनिस्तान का जलता हुआ रहस्यमयी गड्ढा – Gates of Hell of Turkmenistan

इस दुनिया ऐसी बहुत सी रहस्यमयी जगहे हैं जिसमें ज्यादातर जगहें तो प्रकृति द्वारा निर्मित हैं, तो कुछ जगहें ऐसी भी हैं जो मानव द्वारा निर्मित की गईं है। मानवीय भूल के कारण कुछ जगहें ऐसी जगह बन गई हैं, लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गई है।

दुनिया के कुछ सबसे रहस्यमय और अद्भुत स्थानों में से एक ऐसी ही जगह है, “गेट्स ऑफ हेल” (Gates of Hell) या “दरवाज़ा”, जो तुर्कमेनिस्तान के मध्य में स्थित एक जलता हुआ गड्ढा है। यह प्राकृतिक गैस का एक विशाल क्रेटर है जो पिछले पांच दशकों से लगातार जल रहा है। आइए जानते हैं इस अद्भुत स्थान के बारे में कुछ रोचक तथ्य।

स्थान और परिचय

तुर्कमेनिस्तान मध्य एशिया में स्थित एक देश है जो उत्तर में कजाकिस्तान, पूर्व में उज्बेकिस्तान, दक्षिण-पूर्व में अफगानिस्तान, दक्षिण में ईरान और पश्चिम में कैस्पियन सागर से घिरा हुआ है। गेट्स ऑफ हेल, जिसे स्थानीय भाषा में “दरवाज़ा” कहा जाता है, तुर्कमेनिस्तान के कराकुम रेगिस्तान में, अशगाबात शहर से लगभग 260 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। दरबाज़ा गांव के पास स्थित यह क्रेटर लगभग 70 मीटर चौड़ा और 30 मीटर गहरा है।

इतिहास और उत्पत्ति

गेट्स ऑफ हेल का जन्म एक दुर्घटना से हुआ था। 1971 में, जब तुर्कमेनिस्तान सोवियत संघ का हिस्सा था, तब सोवियत भू-वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र में तेल और गैस की खोज के लिए ड्रिलिंग शुरू की थी।

ड्रिलिंग के दौरान, वैज्ञानिकों ने अनजाने में एक भूमिगत प्राकृतिक गैस के भंडार को छेद दिया, जिससे ज़मीन धंस गई और एक बड़ा गड्ढा बन गया।

गड्ढे से निकलने वाली मीथेन गैस से आसपास के वातावरण में ज़हरीली गैस फैलने की चिंता में, वैज्ञानिकों ने इसे जलाने का फैसला किया। उनका अनुमान था कि गैस कुछ ही हफ्तों में जलकर खत्म हो जाएगी।

लेकिन उनके अनुमान के विपरीत, यह आग 50 से अधिक वर्षों से लगातार जल रही है और अभी भी कोई रुकने के संकेत नहीं हैं।

विशेषताएं और रहस्य

इस क्रेटर में तापमान 1,000 डिग्री सेल्सियस (1,830 डिग्री फारेनहाइट) तक पहुंच सकता है, जो एक सक्रिय ज्वालामुखी के तापमान के बराबर है।

रात के समय, इस जलते हुए क्रेटर का दृश्य किसी अंतरिक्ष के दृश्य जैसा लगता है – लाल-नारंगी लपटें अंधेरे में चमकती हुई, किसी अन्य ग्रह के दृश्य की याद दिलाती हैं।

इस क्रेटर से निकलने वाली गैस मुख्य रूप से मीथेन है, जो ग्रीनहाउस गैस है और ग्लोबल वार्मिंग में योगदान देती है। कुछ अनुमानों के अनुसार, इस क्रेटर से प्रतिदिन हजारों क्यूबिक मीटर मीथेन वातावरण में जारी होती है।

2010 में, तुर्कमेनिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति गुरबांगुली बेर्दीमुहामेदोव ने इस क्रेटर को बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन यह प्रयास सफल नहीं हुआ। 2022 में, उन्होंने फिर से इसे बंद करने का आह्वान किया, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है।

पर्यटन और संस्कृति

गेट्स ऑफ हेल तुर्कमेनिस्तान में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण बन गया है, जहां हर साल हजारों पर्यटक इस अद्भुत प्राकृतिक घटना को देखने आते हैं। कई साहसी पर्यटक रात में रेगिस्तान में कैंपिंग करते हैं ताकि वे इस अद्भुत दृश्य का आनंद ले सकें।

स्थानीय लोग इस जगह से जुड़ी कई किंवदंतियों और कहानियों में विश्वास करते हैं। कुछ मानते हैं कि यह वास्तव में नरक का द्वार है, जबकि अन्य इसे एलियन के लैंडिंग स्थल के रूप में देखते हैं।

2014 में, कनाडाई खोजकर्ता जॉर्ज कौरौनिस इस क्रेटर के अंदर उतरने वाले पहले व्यक्ति बने। उन्होंने विशेष गर्मी-प्रतिरोधी सूट पहनकर इस क्रेटर के अंदर का वीडियो बनाया, जिसने दुनिया भर में ध्यान आकर्षित किया।

वैज्ञानिक महत्व

2013 में, वैज्ञानिकों ने क्रेटर के अंदर से नए प्रकार के बैक्टीरिया की खोज की जो अत्यधिक तापमान में भी जीवित रह सकते हैं। ये जीव “एक्स्ट्रीमोफाइल्स” कहलाते हैं और वैज्ञानिकों को अन्य ग्रहों पर जीवन की संभावनाओं के बारे में और अधिक जानने में मदद कर सकते हैं।

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्रेटर के अध्ययन से सौर मंडल के अन्य ग्रहों, विशेष रूप से शुक्र ग्रह की सतह पर मौजूद स्थितियों को समझने में मदद मिल सकती है।

पर्यावरणीय प्रभाव और भविष्य

पर्यावरणविदों की चिंता है कि इस लगातार जलती आग से तुर्कमेनिस्तान के पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इससे निकलने वाले कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य प्रदूषकों से स्थानीय और वैश्विक जलवायु परिवर्तन में वृद्धि हो सकती है।

वर्तमान में, वैज्ञानिक और इंजीनियर इस क्रेटर को बंद करने के विभिन्न तरीकों पर काम कर रहे हैं, जिसमें क्रेटर को मिट्टी और बजरी से भरना या विशेष गैस-अवशोषक तकनीकों का उपयोग करना शामिल है। हालांकि, इस मुद्दे का समाधान अभी भी एक बड़ी इंजीनियरिंग चुनौती बना हुआ है।

समापन

तुर्कमेनिस्तान कe “गेट्स ऑफ हेल” एक ऐसी जगह है, जो मानव त्रुटि और प्रकृति की शक्ति का प्रतीक है। यह जलता क्रेटर हमें याद दिलाता है कि प्रकृति के साथ हमारे हस्तक्षेप के अप्रत्याशित और दीर्घकालिक परिणाम हो सकते हैं। यह एक ऐसा स्थान है जो भयावह होने के साथ-साथ अद्भुत भी है, और जो हमें प्रकृति के प्रति सम्मान और सावधानी बरतने का संदेश देता है।

नरक का दरवाज़ा है ये जगह – Gates of Hell in Turkmenistan (वीडियो)

 

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