लकड़बग्घा (Hyena): जंगल का खतरनाक शिकारी
एक ऐसा खतरनाक जानवर की जिसे देखकर अक्सर लोग डर जाते हैं और जिसकी हंसी सुनकर रात में रोंगटे खड़े हो जाते हैं – जी हां, हम बात कर रहे हैं लकड़बग्घा यानी hyena की। क्या आप जानते हैं कि यह दिखने में खतरनाक जानवर कितना चतुर और सामाजिक होता है? आइए जानते हैं इस रहस्यमयी जानवर के बारे में कुछ रोचक तथ्य।
लकड़बग्घा, जंगल का वो शिकारी जिसे अक्सर गलत समझा जाता है। कई लोग इसे गीदड़ या कुत्ते जैसा समझते हैं, लेकिन असल में ये बिल्ली प्रजाति के जानवरों से ज्यादा जुड़ा हुआ है! लकड़बग्घे की हंसी डरावनी जरूर लगती है, लेकिन इसके पीछे छिपे हैं कई हैरान कर देने वाले रहस्य।”
लकड़बग्घा (Hyena) Hyaenidae फैमिली से संबंधित एक मांसाहारी स्तनधारी (Carnivorous Mammal) है। यह जानवर दिखने में भेड़िए जैसा लगता है, लेकिन इसकी अलग ही पहचान है। लकड़बग्घा बिल्ली और कुत्तों की तरह शिकारी तो होता ही है, लेकिन यह एक अद्भुत स्कैवेंजर (Scavenger) भी है, यानी मरे हुए जानवरों को खाकर सफाई करने वाला जीव।
लकड़बग्घा: परिचय और वर्गीकरण
“सबसे पहले ये जानते हैं कि लकड़बग्घा आखिर है क्या? लकड़बग्घा यानि हायना एक मांसाहारी स्तनधारी जानवर है, जो बाहर से थोड़ा कुत्ते जैसा दिखता है। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि ये कुत्तों की फैमिली से बिल्कुल संबंधित नहीं है। लकड़बग्घा हाइएनिडी (Hyaenidae) नाम की अपनी अलग फैमिली से आता है। ये फैमिली मांसाहारी जानवरों के फेलिफोर्मिया समूह का हिस्सा है, जिसमें बिल्लियां और नेवले जैसे जानवर भी शामिल हैं। वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि हायना बिल्ली परिवार के बजाय मांगूस परिवार से अधिक निकटता से संबंधित है।
तो अगली बार अगर कोई कहे कि लकड़बग्घा कुत्ता है, तो उसे बता देना कि नहीं, ये तो अपनी अलग पहचान रखता है!”
लकड़बग्घा (Hyena) Hyaenidae फैमिली से संबंधित एक मांसाहारी स्तनधारी (Carnivorous Mammal) है। यह जानवर दिखने में भेड़िए जैसा लगता है, लेकिन इसकी अलग ही पहचान है। लकड़बग्घा बिल्ली और कुत्तों की तरह शिकारी तो होता ही है, लेकिन यह एक अद्भुत स्कैवेंजर (Scavenger) भी है, यानी मरे हुए जानवरों को खाकर सफाई करने वाला जीव।
लकड़बग्घों का इतिहास
लकड़बग्घों का इतिहास लगभग 22 मिलियन वर्ष पुराना है। जीवाश्म रिकॉर्ड से पता चलता है कि प्राचीन समय में लकड़बग्घों की 100 से अधिक प्रजातियां थीं, जो यूरोप, एशिया, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका में पाई जाती थीं। उस समय लकड़बग्घे आकार में बहुत बड़े और ज्यादा शक्तिशाली हुआ करते थे, समय के साथ ये जीव बदलते गए और आज हमें लकड़बग्घों की कुछ ही प्रजातियां देखने को मिलती हैं।” हालांकि, आज केवल चार प्रजातियां ही बची हैं।
लकड़बग्घों की प्रजातियां
वर्तमान में लकड़बग्घों की चार प्रजातियां हैं:
- धब्बेदार हायना (Spotted Hyena): यह सबसे बड़ी और सबसे आम प्रजाति है, जिसे ‘हंसने वाला हायना’ भी कहा जाता है।
- भूरा हायना (Brown Hyena): दक्षिणी अफ्रीका में पाया जाता है, इसके शरीर पर लंबे भूरे बाल होते हैं।
- धारीदार हायना (Striped Hyena): उत्तरी और पूर्वी अफ्रीका, मध्य पूर्व और भारत में पाया जाता है।
- अर्डवुल्फ (Aardwolf): यह सबसे छोटी प्रजाति है जो मुख्य रूप से दीमक खाती है।
लकड़बग्गे (Hyena) कहाँ पाए जाते हैं?
“लकड़बग्घे मुख्य रूप से अफ्रीका के जंगलों, सवाना और रेगिस्तानों में पाए जाते हैं। इसके अलावा, ये दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों में भी देखने को मिलते हैं। भारत में इन्हें राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के जंगलों में देखा जा सकता है।”
लकड़बग्घे मुख्य रूप से अफ्रीका महाद्वीप में पाए जाते हैं। धब्बेदार हायना सहारा रेगिस्तान के दक्षिण में सभी अफ्रीकी सवाना और घास के मैदानों में पाए जाते हैं। धारीदार हायना उत्तरी और पूर्वी अफ्रीका, साथ ही मध्य पूर्व और भारतीय उपमहाद्वीप तक फैले हुए हैं। भूरे हायना दक्षिण अफ्रीका के शुष्क क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
भारत में, धारीदार लकड़बग्घा गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में पाया जाता है, लेकिन इनकी संख्या बहुत कम हो गई है। भारत में ये जंगल और पहाड़ी इलाकों में रहते हैं, लेकिन इंसानों से दूर ही रहना पसंद करते हैं। तो अगर आप जंगल में घूम रहे हों और अचानक हंसी जैसी आवाज सुनाई दे, तो समझ जाइए कि शायद लकड़बग्घा पास में ही है!”
लकड़बग्घों का शारीरिक बनावट
लकड़बग्घे का शरीर विशेष रूप से शिकार करने और हड्डियां चबाने के लिए बना है:
- शरीर का आकार: अलग-अलग प्रजातियों के अनुसार, लकड़बग्घे का वजन 10 से 80 किलोग्राम तक हो सकता है।
- मजबूत जबड़े: लकड़बग्घे का जबड़ा इतना शक्तिशाली होता है कि वह हड्डियों को भी आसानी से चबा सकता है। एक धब्बेदार हायना के जबड़े का दबाव लगभग 1100 पाउंड प्रति वर्ग इंच होता है, जो शेर के जबड़े से भी ज्यादा मजबूत है!
- अग्र पैर लंबे: लकड़बग्घे के अगले पैर पिछले पैरों की तुलना में लंबे होते हैं, जिससे उनकी पीठ ढलवां दिखती है।
- विशेष दांत: उनके दांत विशेष रूप से हड्डियों को चबाने के लिए अनुकूलित हैं।
- रंग: धब्बेदार हायना भूरे-पीले रंग के होते हैं जिन पर काले धब्बे होते हैं, जबकि धारीदार हायना भूरे या हल्के रंग के होते हैं जिन पर काली धारियां होती हैं।
लकड़बग्घों का स्वभाव और सामाजिक संरचना
“लकड़बग्घे का स्वभाव बड़ा ही अनोखा है। लोग इसे डरपोक समझते हैं, लेकिन सच ये है कि ये बेहद चालाक और मौकापरस्त होता है। ये ज्यादातर रात में सक्रिय रहते हैं, यानी ये निशाचर हैं। लकड़बग्घे अकेले भी शिकार करते हैं, लेकिन झुंड में रहना इन्हें ज्यादा पसंद है। इनके समूह को ‘क्लैन’ कहते हैं, जिसमें 10 से लेकर 80 तक लकड़बग्घे हो सकते हैं। खास बात ये है कि चित्तीदार लकड़बग्घे के क्लैन में मादाएं बॉस होती हैं। जी हां, ये एक मादा प्रधान समाज है, जहां नर को मादा की बात माननी पड़ती है। इनका स्वभाव बेहद आक्रामक होता है, और ये शेरों से भी लोहा लेने से नहीं घबराते!”
- सामाजिक जीवन: धब्बेदार हायना अत्यधिक सामाजिक होते हैं और ‘क्लैन’ नामक समूहों में रहते हैं, जिनमें 80 तक सदस्य हो सकते हैं।
- मादा प्रधान समाज: धब्बेदार हायना का समाज मादा प्रधान होता है, जहां मादाएं नर से बड़ी और अधिक आक्रामक होती हैं।
- बुद्धिमान शिकारी: हायना अत्यंत बुद्धिमान होते हैं और जटिल सामाजिक और शिकार रणनीतियां बनाते हैं।
- अपना क्षेत्र: हायना अपने क्षेत्र को चिह्नित करने के लिए एक विशेष गंध का उपयोग करते हैं जिसे वे अपनी एनल ग्रंथियों से निकालते हैं।
लकड़बग्घे का भोजन
“लकड़बग्घे मांसाहारी होते हैं और ज्यादातर शिकार करके या मरे हुए जानवरों का मांस खाकर जिंदा रहते हैं। हालांकि, लोग इन्हें सिर्फ मरे हुए जानवर खाने वाला जीव मानते हैं, लेकिन हकीकत में ये खुद भी शिकार करने में माहिर होते हैं। इनका पाचन तंत्र इतना ताकतवर होता है कि ये हड्डियों को भी आसानी से पचा सकते हैं!”
“लकड़बग्घों को अक्सर ‘स्कैवेंजर्स’ यानी मृत जानवर खाने वाला समझा जाता है, लेकिन सच्चाई ये है कि ये खुद भी बेहद खतरनाक शिकारी होते हैं! इनका मुख्य भोजन ज़ेबरा, वाइल्डबीस्ट और यहाँ तक कि बड़े जानवरों जैसे जिराफ के बच्चे भी हो सकते हैं! इनके जबड़े इतने मजबूत होते हैं कि ये हड्डियों को भी चट कर जाते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक, हाइना का जबड़ा शेर से भी ज्यादा पावरफुल होता है!”
- मांसाहारी: धब्बेदार हायना अपने भोजन का 95% खुद शिकार करके प्राप्त करते हैं।
- विविध आहार: वे जेब्रा, विलडेबीस्ट, गैज़ेल और अन्य मध्यम आकार के स्तनधारियों का शिकार करते हैं।
- हड्डियों का सेवन: हायना अपने शिकार की हड्डियों को भी खा जाते हैं, जिससे उनके मल में सफेद रंग दिखाई देता है – इसी कारण उन्हें प्राचीन काल में “पालतू सफेद” कहा जाता था।
- अर्डवुल्फ का आहार: चौथी प्रजाति अर्डवुल्फ मुख्य रूप से दीमक खाती है और एक रात में 20,000 तक दीमक खा सकती है!
लकड़बग्घे की विशेष ध्वनि
लकड़बग्घे की हंसी जैसी आवाज़ अक्सर लोगों को डराती है:
- हंसी जैसी आवाज़: धब्बेदार हायना “हूप-हूप-हूप” जैसी आवाज़ निकालते हैं जो मानव हंसी की तरह लगती है।
- संचार: यह आवाज़ क्लैन के सदस्यों के बीच संचार का माध्यम है और अलग-अलग ध्वनियां अलग-अलग संदेश देती हैं।
- दूरी: हायना की आवाज़ 5 किलोमीटर तक सुनी जा सकती है!
“क्या आपने कभी हाइना की हँसी सुनी है? ये आवाज़ सुनकर लगता है जैसे कोई शैतान हँस रहा हो! लेकिन असल में ये हँसी नहीं, बल्कि हाइना की एक खास कम्युनिकेशन स्टाइल है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, हाइना इस तरह की आवाज़ से अपने ग्रुप को सिग्नल देता है कि उसने शिकार ढूंढ लिया है या फिर कोई खतरा नजदीक है। हर हाइना की हँसी अलग होती है, जिससे उसकी पहचान की जा सकती है!”
लकड़बग्घे का प्रजनन और जीवन काल
- गर्भकाल: धब्बेदार हायना में गर्भकाल लगभग 110 दिन का होता है।
- अनोखा प्रजनन अंग: मादा धब्बेदार हायना के पास एक विशेष प्रजनन अंग होता है जो दिखने में नर के अंग जैसा होता है।
- बच्चे: आमतौर पर एक या दो बच्चे जन्म लेते हैं, जो जन्म के समय से ही दांत और खुली आंखों के साथ होते हैं।
- जीवन काल: जंगली हायना 12-15 साल तक जीवित रहते हैं, जबकि चिड़ियाघरों में वे 25 साल तक जी सकते हैं।
लकड़बग्घे से जुड़े अनोखे तथ्य
- धब्बेदार हायना का मस्तिष्क कार्निवोरा परिवार के अन्य जानवरों की तुलना में बड़ा होता है, जो उनकी उच्च बुद्धिमत्ता को दर्शाता है।
- हायना के दूध में कैल्शियम की मात्रा घरेलू गाय के दूध से चार गुना अधिक होती है।
- उनके पाचन तंत्र में मजबूत एसिड होता है जो उन्हें सड़े हुए मांस से होने वाले संक्रमण से बचाता है।
- कई अफ्रीकी संस्कृतियों में लकड़बग्घे को जादू-टोने और अलौकिक शक्तियों से जोड़ा जाता है।
- जब हायना खुश होते हैं या समूह के सदस्यों से मिलते हैं, तो वे कुत्तों की तरह अपनी पूंछ हिलाते हैं।
- लकड़बग्घों की हड्डियाँ इतनी मजबूत होती हैं कि वे 1,100 PSI (पाउंड प्रति वर्ग इंच) की बाइट फ़ोर्स से हड्डियाँ चबा सकते हैं।
- लकड़बग्घे हंसने जैसी आवाज़ निकालते हैं, इसीलिए इन्हें “Laughing Hyena” भी कहा जाता है।
- एक झुंड में 80 से ज्यादा लकड़बग्घे हो सकते हैं, और उनकी नेता एक मादा होती है।
- लकड़बग्घे की औसत उम्र 12 से 15 साल होती है, लेकिन कैद में यह 20 साल तक जी सकते हैं।
- इनके झुंड में मादाएं नर से ज्यादा शक्तिशाली होती हैं, और उनका शरीर भी बड़ा होता है।
- इनकी गंध सूंघने की क्षमता बहुत तेज होती है और यह 10 किलोमीटर दूर से ही शिकार सूँघ सकते हैं।
- लकड़बग्घे आमतौर पर रात में शिकार करते हैं और बहुत ही शांत तरीके से अपने शिकार पर हमला करते हैं।
- लकड़बग्घे की काटने की ताकत किसी भी बड़े शिकारी से ज्यादा होती है, यहां तक कि शेर से भी!
- ये 50 किमी/घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं और अपने शिकार का पीछा घंटों तक कर सकते हैं।
- इनके जबड़े इतने मजबूत होते हैं कि ये किसी भी हड्डी को चबा सकते हैं।
- ये जानवर बहुत बुद्धिमान होते हैं और इनकी झुंड रणनीतियां बेहद प्रभावशाली होती हैं।
लकड़बग्घों का संरक्षण स्थिति
धब्बेदार और धारीदार हायना को IUCN रेड लिस्ट में “लीस्ट कंसर्न” श्रेणी में रखा गया है, जबकि भूरे हायना को “नियर थ्रेटेन्ड” माना जाता है। भारत में, धारीदार हायना संरक्षित प्रजाति है और इसका शिकार करना गैरकानूनी है।
अंत में…
यह थी लकड़बग्घा यानी हायना की रोचक दुनिया। आज हमने जाना कि कैसे यह जानवर, जिसे अक्सर गलत समझा जाता है, वास्तव में एक बुद्धिमान, सामाजिक और पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला प्राणी है। अगली बार जब आप लकड़बग्घे की हंसी सुनें, तो याद रखिएगा कि वह सिर्फ हंसी नहीं बल्कि उनके जटिल सामाजिक जीवन का हिस्सा है।
लकड़बग्गा (Hyena) – जंगल का राजा नहीं, लेकिन सबसे खतरनाक शिकारी
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