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माचू पिच्चू – इंका साम्राज्य का खोया हुआ शहर – Machu Picchu – The lost city of the Incas

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माचू पिच्चू – इंका साम्राज्य का खोया हुआ शहर – Machu Picchu – The lost city of the Incas

Machu Picchu - The lost city of the Incas

इंका साम्राज्य का खोया हुआ शहर – स्वर्ग जैसा खूबसूरत (Machu Picchu – The lost city of the Incas)

आज हम आपको ले जा रहे हैं दुनिया के एक ऐसे रहस्यमयी स्थान पर, जिसे ‘धरती का स्वर्ग’ भी कहा जाता है। हम बात कर रहे हैं दक्षिण अमेरिका के देश पेरू में स्थित माचू पिच्चू की (Machu Picchu – The lost city of the Incas) । हाँ, वही माचू पिच्चू जिसकी तस्वीरें आपने कई बार देखी होंगी – पहाड़ों के बीच बसा एक प्राचीन शहर, जो बादलों से घिरा हुआ है।

क्या आपने कभी सोचा है कि पहाड़ों की इतनी ऊँचाई पर, इतना विशाल और खूबसूरत शहर कैसे बनाया गया होगा? वो भी तब, जब न तो आधुनिक मशीनें थीं और न ही आधुनिक तकनीक? आज हम जानेंगे माचू पिच्चू के इतिहास, इसकी संस्कृति, इसके रहस्य और यहाँ तक पहुँचने के तरीके के बारे में।

भौगोलिक स्थिति 

माचू पिच्चू पेरू के कुज़्को शहर से लगभग 80 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है। यह समुद्र तल से लगभग 2,430 मीटर की ऊँचाई पर एंडीज पर्वत श्रृंखला में स्थित है। यहाँ से उरुबांबा नदी की घाटी का नज़ारा देखना किसी स्वर्ग से कम नहीं है।

माचू पिच्चू की स्थिति इतनी विशेष है कि यह दशकों तक दुनिया से छिपा रहा। चारों ओर से घने जंगलों और ऊँचे पहाड़ों से घिरा होने के कारण, इसे इंकाओं का ‘खोया हुआ शहर’ भी कहा जाता है। इसकी स्थिति इतनी रणनीतिक है कि स्पेनिश आक्रमणकारियों ने कभी इसे खोज नहीं पाया, जबकि वे इंका साम्राज्य के अन्य हिस्सों पर कब्जा कर चुके थे।

इतिहास और खोज

माचू पिच्चू का निर्माण 15वीं सदी में इंका साम्राज्य के दौरान हुआ था। माना जाता है कि इसे इंका सम्राट पचाकुटेक ने बनवाया था, जो 1438 से 1471 तक शासन किया था। इस शहर का निर्माण राजसी निवास के रूप में किया गया था, जहाँ केवल 750 से 1,200 लोग रहते थे।

लेकिन जब 16वीं सदी में स्पेनिश आक्रमणकारी पेरू पहुँचे, तब तक माचू पिच्चू वासियों ने इस जगह को छोड़ दिया था। इसका कारण अभी भी एक रहस्य है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि चेचक जैसी बीमारियों के प्रकोप के कारण लोगों ने शहर छोड़ दिया, जबकि अन्य का मानना है कि यह एक रणनीतिक फैसला था।

माचू पिच्चू की आधुनिक खोज का श्रेय अमेरिकी इतिहासकार हीराम बिंघम को जाता है, जिन्होंने 1911 में इसे दुनिया के सामने लाया। मज़ेदार बात यह है कि बिंघम वास्तव में एक अन्य इंका शहर विल्कबम्बा की खोज में थे, लेकिन एक स्थानीय किसान के मार्गदर्शन से वे माचू पिच्चू पहुँच गए।

Hiram Bingham

माचू पिच्चू की विशेषताएँ 

माचू पिच्चू की सबसे आश्चर्यजनक विशेषता है इसका वास्तुशिल्प। यहाँ की इमारतें बिना किसी सीमेंट या मोर्टार के केवल पत्थरों को इस तरह काटकर बनाई गई हैं कि उनके बीच एक पतली सुई भी नहीं जा सकती। इंका लोग इस तकनीक में इतने माहिर थे कि आज भी वैज्ञानिक इस पर शोध कर रहे हैं।

माचू पिच्चू में लगभग 200 इमारतें हैं, जो मुख्य रूप से मंदिर, महल और घरों में विभाजित हैं। यहाँ का सूर्य मंदिर, तीन खिड़कियों वाला मंदिर और इंतीवाटाना पत्थर (जिसका अर्थ है ‘सूरज को बाँधने का स्थान’) विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।

इंतीवाटाना एक सूर्य घड़ी के रूप में कार्य करता था और इंका ज्योतिषियों को मौसम के बदलाव और फसल के समय को निर्धारित करने में मदद करता था। इसके अलावा, माचू पिच्चू में जल प्रबंधन की एक अद्भुत प्रणाली है, जिसमें 16 से अधिक फव्वारे हैं जो आज भी काम करते हैं!

रहस्य और मान्यताएँ 

माचू पिच्चू के कई रहस्य हैं जो आज भी अनसुलझे हैं। सबसे बड़ा रहस्य है – इसका उद्देश्य क्या था? कुछ विद्वान मानते हैं कि यह एक धार्मिक स्थल था, कुछ का मानना है कि यह एक राजसी आराम का स्थान था, जबकि अन्य का मानना है कि यह एक वैज्ञानिक केंद्र था।

दूसरा बड़ा रहस्य है – इसे अचानक क्यों छोड़ दिया गया? इंका साम्राज्य के पतन के समय, माचू पिच्चू के निवासियों ने इसे क्यों छोड़ा, इसका कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है।

एक अन्य दिलचस्प तथ्य यह है कि माचू पिच्चू खगोलीय रूप से महत्वपूर्ण है। यहाँ की कई इमारतें सूर्य, चंद्रमा और तारों के मार्ग के अनुसार बनाई गई हैं। इससे पता चलता है कि इंका लोग खगोल विज्ञान में कितने उन्नत थे।

कई लोग मानते हैं कि माचू पिच्चू एक ऊर्जावान स्थान है। यहाँ आने वाले कई पर्यटक बताते हैं कि उन्हें यहाँ एक अलग प्रकार की ऊर्जा और शांति का अनुभव होता है।

संस्कृति और लोग 

माचू पिच्चू इंका सभ्यता का एक जीवंत प्रमाण है। इंका लोग अपनी उन्नत वास्तुकला, कृषि प्रणाली और सामाजिक संगठन के लिए जाने जाते थे। वे सूर्य की पूजा करते थे और उन्होंने अपने साम्राज्य को ‘सूर्य का साम्राज्य’ कहा।

इंका लोगों की भाषा क्वेचुआ थी, जो आज भी पेरू के कुछ हिस्सों में बोली जाती है। उन्होंने ‘किपु’ नामक एक अनोखी लिखित प्रणाली विकसित की थी, जिसमें रंगीन धागों और गाँठों का उपयोग किया जाता था।

आज माचू पिच्चू के आसपास के क्षेत्र में क्वेचुआ लोग रहते हैं, जो इंका लोगों के वंशज हैं। वे अपनी परंपराओं और संस्कृति को आज भी जीवित रखे हुए हैं। उनके रंगीन कपड़े, पारंपरिक संगीत और नृत्य, और उनका खाना – सभी इंका विरासत का हिस्सा हैं।

माचू पिच्चू की यात्रा

अगर आप माचू पिच्चू की यात्रा करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको पेरू के लिमा शहर पहुँचना होगा। वहाँ से आप कुज़्को जा सकते हैं, जो इंका साम्राज्य की प्राचीन राजधानी थी।

कुज़्को से आप अगुआस कालिएंटेस (जिसे अब माचू पिच्चू पुएब्लो कहा जाता है) तक ट्रेन से जा सकते हैं। यह यात्रा खुद में एक अद्भुत अनुभव है, क्योंकि ट्रेन आपको खूबसूरत पहाड़ों और घाटियों के बीच से ले जाती है।

अगुआस कालिएंटेस से आप बस से माचू पिच्चू तक जा सकते हैं। लेकिन अगर आप साहसी हैं, तो इंका ट्रेल पर चलकर भी माचू पिच्चू पहुँच सकते हैं। यह चार दिन का ट्रेक है, जो आपको प्राचीन इंका मार्ग से ले जाता है।

याद रखें, माचू पिच्चू एक संरक्षित स्थल है और यहाँ पर्यटकों की संख्या सीमित है। इसलिए अपनी यात्रा से पहले टिकट बुक करना न भूलें।

समापन 

माचू पिच्चू सिर्फ एक प्राचीन शहर नहीं है; यह इंका सभ्यता की उत्कृष्टता का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि हजारों साल पहले, बिना आधुनिक तकनीक के, मानव गेनियस क्या हासिल कर सकता था।

2007 में, माचू पिच्चू को दुनिया के सात नए अजूबों में से एक चुना गया था, और यह पूरी तरह से हकदार है। यह न केवल पेरू की, बल्कि पूरी मानवता की विरासत है।

अगर आप कभी माचू पिच्चू जाते हैं, तो याद रखें कि आप सिर्फ एक जगह की यात्रा नहीं कर रहे हैं; आप एक समय यात्रा कर रहे हैं, एक ऐसी सभ्यता में, जिसने अपने ज्ञान और कौशल से दुनिया को चकित कर दिया।


बेहद खूबसूरत है ये जगह – दुनिया का सातवाँ अजूबा (वीडियो)
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